मामल्लपुरम के समुद्र तट पर कचरा उठाने की ब्रांडिंग
मोदी भक्तों की पेशानी पर भी सिलवटें लाने
सतीश जोशी
चेन्नई के निकट मामल्लपुरम (महाबलीपुरम्) बीच पर मार्निंग वॉक करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फोटो और वीडियो वायरल हुए और सफाई अभियान की जबर्दस्त ब्रांडिंग हुई। यह ऐसे ही नहीं हुआ कि प्रधानमंत्री मोदी मार्निंग वॉक करने गए और किसी ने उनका कचरा उठाते फोटो और वीडियो बना लिया। दरअसल, यह पूर्व नियोजित कार्यक्रम था और बाकायदा इसके लिए फिल्म यूनिट तैयार थी और प्रधानमंत्री के कचरा उठाने के एक-एक अंदाज की शूटिंग की जा रही थी। मोदी भक्तों को यह बहुत ही पसंद-ए-अंदाज था, मगर अब इस पर चर्चा चल पड़ी है कि अपनी ब्रांडिंग के चक्कर में प्रधानमंत्री मोदी कहीं देश को समस्याओं की अंधी गुफा में तो नहीं ले जा रहे?
जम्मू-कश्मीर में सेना के सगीनों के साए में आतंक के खिलाफ शांति और अमन की तलाश की गंभीरता भी खोजी जा रही है। अंतर्राष्ट्रीय मंदी के बीच भारत में तेजी से जाती नौकरियां, औद्योगिक उत्पादन में गिरावट, कृषि का बेहाल होना और अर्थव्यवस्था का चरमराना जैसे सवाल वित्तमंत्री सीतारमण के उठाए कदमों से कितना उभर पाएंगे यह मोदी भक्तों की पेशानी पर भी सिलवटें लाने लगा है।
अपने हर काम को मीडिया कवरेज और सोशल मीडिया पर भक्तों को काम देने वाले इस नए विजन पर सवाल खड़े होने लगे हैं, क्योंकि मार्निंग वाक करते हुए नरेंद्र मोदी का कचरा उठाना और वह भी फाइव स्टार होटलों के बीच स्थित समुद्र तट पर पहले से ही सूई से माइन तक की स्केनिंग की गई, हाइजेनिक और बैक्टीरिया मुक्त कचरा वहां फैलाया गया, एक पूरी फिल्म यूनिट काम कर रही थी, इसके लिए बाकायदा एक मंच बनाया गया, जिस पर से कैमरे कचरा उठाने को फिल्मा रहे थे। कचरे की थैली उठाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुछ इस तरह अपना फोटो सेशन दे रहे थे जैसे कि उन्होंने देश की बहुत बड़ी सेवा कर दी हो। अब देश के सामने जो तस्वीरें आ रही हैं, वे मोदी भक्तों को सुकून देने के साथ यह चिंता भी दे रही हैं कि क्या देश का हर सवाल प्रधानमंत्री मोदी की नजर में सिर्फ ब्रांडिंग ही रह गया है या वे वाकई नया भारत बनाने निकले हैं।