अजीत पवार की कहानी, शरद पवार की जुबानी

शरद पवार की जुबानी अजित पवार पूरी कहानी




महाराष्ट्र में रातोंरात शपथ लेकर सरकार बीजेपी ने सरकार बना दी. इस घटना के बारे में किसी को भी कानोंकान खबर नहीं थी. इस पूरे घटनाक्रम के बाद एनसीपी और शिवसेना की एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई. जिसमें वो विधायक भी पहुंचे जिन्हें अजित पवार ने राजभवन बुलाया था.


इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में एनसीपी के विधायकों ने खुलासा किया कि कैसे ये पूरा घटनाक्रम हुआ. उन्होंने बताया कि अजित पवार ने विधायकों को फोन कर राजभवन में बुलाया. प्रेस कॉन्फ्रेंस में शरद पवार ने अजित पवार पर जालसाजी का आरोप लगाया.


विधायक राजेंद्र शिंगने ने दावा किया किया कि अजित पवार ने उन्हें बिना कोई जानकारी दिए अचानक राजभवन पहुंचने को कहा. राजभवन पहुंचने के बाद पता चला कि अजित पवार बीजेपी के साथ सरकार बनाने जा रहे हैं. जिसके बाद सीधे शरद पवार से संपर्क किया गया.

एनसीपी के कुल तीन विधायकों ने अजित पवार के बुलावे के बाद वापस लौटने का फैसला किया और शरद पवार के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद रहे. इन विधायकों में संदीप शिरसागर, सुनील भुसारा और राजेंद्र शिंगणे शामिल थे.


अजित पवार के पास थे 54 विधायकों के हस्ताक्षर


शरद पवार ने बताया कि अजित पवार के पास 54 विधायकों के हस्ताक्षर वाली चिट्ठी थी. जिसे पार्टी अपने पास रखती है. जिसे उन्होंने राज्यपाल के सामने पेश किया. जिसके बाद बीजेपी ने सरकार बनाने का दावा पेश किया और मुख्यमंत्री पद की शपथ ली गई. शरद पवार ने कहा कि बीजेपी सदन में अपना बहुमत साबित नहीं कर पाएगी.


शरद पवार ने कहा कि "मैं नहीं जानता कि अजित पवार ने जांच एजेंसी से बचने के लिए ये फैसला लिया है या नहीं. मुझे पता चला है कि 10-11 विधायक राजभवन में मौजूद थे, जिनमें से तीन विधायक फिलहाल मेरे साथ बैठे हैं."


शरद पवार ने कहा कि अनुशासनात्मक समिति अजित पवार पर फैसला लेगी. उन्होंने कहा कि 30 नवंबर तक बहुमत साबित करना है. हम सब एकजुट हैं. हमारे पास पूरे नंबर हैं हम ही सरकार बनाएंगे.