कार्टोसैट-3 सैटैलाइट सीमा की करेगा निगरानी,
पाक-चीन की मिलेगी जानकारी
नई दिल्ली। चंद्रयान-2 मिशन के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) तीन अर्थ ऑब्जर्वेशन या सर्विलांस सैटलाइट लांच करने की तैयारी कर रहा है। ये सैटेलाइट सीमा पर निगरानी करने में कारगार साबित होगी। बताया जा रहा है कि सैटेलाइट से देश की सीमाओं पर आसमान से नजर रखी जाएगी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पहली सैटेलाइट 25 नवंबर को लांच की जाएगी। इसके बाद बाकी सैटेलाइट दो दिसंबर को लांच की जाएगी। इन तीन प्राथमिक उपग्रहों के अलावा, तीन पीएसएलवी रॉकेट दो दर्जन से ज्यादा विदेशी और नैनो और माइक्रो सैटेलाइट्स को लेकर जाएंगे।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पीएसएलवी सी-47 रॉकेट को 25 नवंबर को श्रीहरिकोटा से सुबह के 9.28 बजे लॉन्च किया जाएगा। साथ ही थर्ड कजनरेशन अर्थ इमेजिंग सैटेलाइट कार्टोसैट और अमेरका के 13 कमर्शियल नैनोसैटेलाइट्स को लेकर भी जाएगा। इसरो के मुताबिक 13 अमेरिकी नैनोसैटेलाइट लांच करने की डील पर पहले ही हाल ही में बनाई गई व्यवसायिक शाखा न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड ने की थी।
कार्टोसैट-3 को 509 किमी ऑर्बिट में स्थापित किया जाएगा। इससे पहले एजेंसी ने सर्विलांस सैटेलाइट रीसैट-2बी और एमिसैट (इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस सैटेलाइट) को लांच किया था, जो दुश्मनों के रडार पर नजर रखने में मदद करता है। इस ऑपरेशनल सैटेलाइट को लॉन्च करने में छह महीने की देरी चंद्रयान-2 की वजह से हुई। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान में की गई सर्जिकल स्ट्राइक के लिए कार्टोसैट-1 और 2 उपग्रहों से खुफिया जानकारी जुटाई गई थी।