सुप्रीम कोर्ट में कल फिर होगी सुनवाई

महाराष्ट्र पर सुनवाई, सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को जारी किया नोटिस


 नई दिल्ली।महाराष्ट्र में शनिवार सुबह हुए सियासी उलटफेर के मामले में उच्चतम न्यायालय में सुनवाई चल रही है। महा विकास अघाड़ी की तरफ से कपिल सिब्बल ने अदालत में कहा कि महाराष्ट्र को सरकार की जरुरत है। यदि भाजपा के पास बहुमत है तो वह आज ही बहुमत परीक्षण कराए। सिब्बल ने कहा कि राज्य में जैसा हो रहा है वैसा हमने पहले कभी नहीं देखा है। वरिष्ठ वकील ने राज्यपाल केंद्र के निर्देश पर काम करने का आरोप लगाया है। उन्होंने पूछा है कि शपथ आधार क्या था। इसके बारे में किसी को कुछ पता नहीं है।



सिंघवी ने अदालत में ये दलीलें दीं


एनसीपी कांग्रेस की तरफ से अदालत में पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, 'राज्यपाल का दायित्व है कि उसे शुरुआत में बहुमत के लिए दस्तावेज और फिजिकल वेरिफिकेशन से संतुष्ट होना होता है। यह प्रक्रिया है। जब शाम सात बजे यह घोषणा की गई कि हम सरकार बनाने का दावा पेश करने वाले हैं और उद्धव ठाकरे इसका नेतृत्व करेंगे, तो क्या राज्यपाल इंतजार नहीं कर सकते थे? केवल 42-43 सीटों के सहारे अजीत पवार उप मुख्यमंत्री कैसे बन गए? यह लोकतंत्र की हत्या नहीं है?'

भाजपा की तरफ से दलील रख रहे हैं वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी


वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी कुछ भाजपा और निर्दलीय विधायकों की ओर से न्यायालय में पेश हुए। उन्होंने कहा कि यह याचिका बंबई उच्च न्यायालय में दायर होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने कहा कि इसमें दो राय नहीं है कि शक्ति परीक्षण बहुमत साबित करने का सबसे अच्छा तरीका है। केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस के पास सरकार बनाने का मौलिक अधिकार नहीं है और उनकी याचिका को मंजूरी नहीं दी जा सकती है।