उद्धव मंत्रिमंडल मे फंसा अजीत पेंच

उद्धव के मंत्रिमंडल पर खींचतान


अजित पवार को उपमुख्यमंत्री पद देने पर फंसा पेंच



 





महाविकास अघाड़ी की सरकार के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के मंत्रिमंडल का स्वरूप क्या होगा, इसमें किन पार्टियों के कौन-कौन नेता होंगे यह बुधवार को साफ नहीं हो पाया। साथ ही कांग्रेस-एनसीपी के बीच कुछ मतभेद भी सामने आए हैं। सूत्रों के अनुसार एनसीपी ने अजित पवार का नाम उपमुख्यमंत्री पद के लिए बढ़ाया तो कांग्रेस ने आपत्ति की। वहीं, कांग्रेस अपने लिए विधानसभा अध्यक्ष पद के साथ उपमुख्यमंत्री पद भी मांग रही है। एनसीपी इसके लिए राजी नहीं हैं। बैठक के बाद एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने मीडिया से कहा कि महाविकास अघाड़ी की सरकार में कोई बाधा नहीं है। उद्धव मुख्यमंत्री होंगे। उपमुख्यमंत्री एनसीपी का होगा। जबकि कांग्रेस विधानसभा स्पीकर का पद दिया गया है।

पटेल ने कहा कि उद्धव ठाकरे के साथ तीनों दलों के एक-एक या दो-दो नेता मंत्री के रूप में शपथ लेंगे। इनके नाम देर रात तक तय करके उद्धव ठाकरे के पास भेजे जाएंगे। फिर तीन दिसंबर से पहले महाविकास अघाड़ी की सरकार सदन में बहुमत साबित करेगी। यह सब होने के बाद में मंत्रिमंडल विस्तार किया जाएगा। मंत्रिमंडल को अंतिम रूप देने के लिए ही शाम को यशवंत राव चव्हाण सेंटर में चार घंटे तक बैठक चली थी। जिसमें तीनों दलों के प्रमुख नेता शामिल थे। हालांकि विचार-विमर्श और बहसों के बीच भी मंत्रिमंडल की निर्णायक तस्वीर नहीं बन सकी। बैठक के बाद उद्धव ठाकरे और कांग्रेस नेता अहमद पटेल के हाथों में कागजों का पुलिंदा था, मगर वे उन्हें छुपाए रहे।


चलता रहेगा बैठकों का दौर


इस बीच अघाड़ी के सूत्रों का कहना है कि तीनों दलों के बीच अभी कुछ बातें तय होनी हैं और आने वाले दिनों में बैठकों का दौर चलता रहेगा। बैठक से जाते हुए कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे मीडिया से इतना ही कहा कि सुबह हम शपथ लेने वाले नेताओं की सूची जारी करेंगे और मंत्रियों का मामला निपट जाने के बाद विधानसभा स्पीकर पर बात करेंगे।


कांग्रेस की मांग एनसीपी को मंजूर नहीं


बैठक में कांग्रेस नेताओं ने साफ कहा कि उसे उपमुख्यमंत्री पद के साथ विधानसभा अध्यक्ष पद भी चाहिए परंतु एनसीपी को यह मंजूर नहीं था। उसका कहना है कि कांग्रेस को इनमें से कोई एक पद ही मिल सकता है। इस पर कांग्रेस नेताओं ने कहा कि अगर उनका उपमुख्यमंत्री नहीं हो सकता तो सरकार में शामिल होने अर्थ नहीं होगा। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस ने अजित पवार के नाम पर भी आपत्ति की। एनसीपी ने उनका नाम उपमुख्यमंत्री पद के लिए बढ़ाया था। कांग्रेस का तर्क था कि अजित पवार के मुख्यमंत्री बनने पर उनके विरुद्ध चल रही सिंचाई घोटाले की जांच भविष्य में मुश्किलें पैदा कर सकती है।


अजित बोले- मंत्रिमंडल में शामिल करने का फैसला उद्धव करेंगे


78 घंटे के लिए भाजपा के साथ मिलकर बनाई सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे अजित पवार ने कहा है कि वह हमेशा एनसीपी में थे और एनसीपी में ही रहेंगे। वापसी के बाद उन्होंने बुधवार को कहा है कि वह पार्टी द्वारा दी जाने वाली हर जिम्मेदारी को निभाने के लिए तैयार हैं। किसी से नाराज भी नहीं हैं। अजित के अनुसार, उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल करने या न करने का फैसला मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के हाथ में है।

23 से 26 नवंबर तक उनके भाजपा के साथ जाने और वापस एनसीपी में आने के घटनाक्रम पर उन्होंने कहा, 'फिलहाल मुझे कुछ नहीं कहना है। समय आने पर सब कहूंगा। मैंने पहले ही कहा था कि पार्टी नहीं छोड़ी है। मेरे लिए राजनीति और परिवार अलग-अलग हैं। मैं किसी से भी नाखुश नहीं हूं। मेरी पार्टी जो जिम्मेदारी देगी, उसे स्वीकार करूंगा।


विभागों के बंटवारे पर दो दिन में फैसला


महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष बालासाहेब थोराट ने कहा कि अगली सरकार में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच विभागों के बंटवारे को लेकर अगले दो दिनों में फैसला हो जाएगा।


फडणवीस बोले, समय आने पर सब बताऊंगा


अजित पवार पर विश्वास करके 78 घंटे की सरकार बनाने वाले महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि वह सही समय आने पर सही बातें सबके सामने रखेंगे। शपथग्रहण समारोह में पहुंचे फडणवीस से मीडिया ने पूछा था कि क्या वह एनसीपी और अजित पवार से नाराज हैं।